जय श्री बाबा लाल जी
ग्यानी तापस सूर कबि कोबिद गुन आगार
केहि कै लौभ बिडंबना कीन्हि न एहिं संसार
श्री मद बक्र न कीन्ह केहि प्रभुता बधिर न काहि
मृगलोचनि के नैन सर को अस लाग न जाहि
श्री राम नमामि नमामि नमः
ग्यानी तापस सूर कबि कोबिद गुन आगार
केहि कै लौभ बिडंबना कीन्हि न एहिं संसार
श्री मद बक्र न कीन्ह केहि प्रभुता बधिर न काहि
मृगलोचनि के नैन सर को अस लाग न जाहि
श्री राम नमामि नमामि नमः
Is there any sage, ascetic, hero, seer, man of learning or man of virtue in the world, whom greed has not betrayed---again, whom has pride of pelf not perverted, who has not been defeated by power, and is there anyone who has not been smitten by the shaft like glances of a fawn eyed woman,
Jai Sat Guru Baba Lal dayal ji